लहसुन की फसल के लिए यहां पर बढ़िया खाद की जानकारी दी गई है। जिससे अधिक पैदावार किसान लहसुन की फसल से ले सकते हैं, यह फ्री की खाद है। जिससे सभी पोषक तत्वों की कमी पूरी होगी-

लहसुन की फसल
लहसुन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है। इसके लिए उन्हें बढ़िया-बड़े कंद की जरूरत होती है। जिससे उसकी अच्छी कीमत मिले। अगर आपने लहसुन की खेती खाने के लिए या फिर बेचने के लिए किया तो आज हम यहां पर आपको एक फ्री की खाद की जानकारी देने जा रहे हैं। जिसका इस्तेमाल करना भी आसान है। इस खाद को इस्तेमाल करके आप रासायनिक खाद का खर्चा बचा सकते हैं।
क्योंकि सभी पोषक तत्व की कमी पूरी हो जायेगी और यूरिया-डीएपी जैसी खाद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यानी की खाद का खर्चा बिल्कुल खत्म हो जाएगा। तो चलिए आपको बताते हैं यह खाद कौन सी है जिसे 55 दिन की फसल होने के बाद भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
लहसुन के लिए फ्री की खाद
दरअसल हम राख और गोमूत्र की बात कर रहे हैं। राख एक ऐसी खाद है जिसे इस्तेमाल करके फसल में कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, बोरोन, मैग्नीशियम, आयरन, सल्फर, जिंक, कॉपर, एल्युमिनियम सभी की कमी को पूरा कर सकते हैं। मिट्टी को सारे पोषक तत्व दे सकते हैं। इससे पाला भी नहीं लगेगा और गोमूत्र डालने से नाइट्रोजन की कमी पूरी हो जाती है। अगर आपकी मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी नहीं है आप गोबर की खाद, बकरी का गोबर आदि देते हैं तो गौ-मूत्र नहीं डालना पड़ेगा। सिर्फ राख से ही काम हो जाएगा। चलिए जानते हैं राख का इस्तेमाल कैसे करें।
कैसे करें राख का इस्तेमाल
हाल ही में बारिश हुई है अगर आपके यहां भी बारिश हुई दो-तीन दिन हो चुका है तो राख का छिड़काव कर सकते हैं। अगर आपने किसी भी तरह की गोबर खाद नहीं डाली है तो राख में गोमूत्र डालकर छिड़काव करें और तीन दिन बाद हल्की सिंचाई कर दे। राख छिड़कने से फसल को पाला भी नहीं लगता है। यानी की खाद के साथ-साथ पाले से भी फसल का बचाव किया जा सकता है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।